09 October, 2018

अनमोल विचार

*परमात्मा भाग्य नहीं लिखता...,*

*जीवन के हर कदम पर हमारी सोच,


हमारे बोल, वह हमारे कर्म ही

हमारा भाग्य लिखते हैं...!!*


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*प्रार्थना शब्दों से नहीं*

*दिल से होनी चाहिये*

*क्योंकि*

*ईश्वर उनकी भी सुनते है*

*जो बोल नहीं पाते.!!*


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*हम भी लगाव रखते हैं*

*पर बोलते नहीं,*


*क्योंकि हम रिश्ते निभाते हैं*

*तौलते नहीं...*


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*ऊँचा उठने के लिए पंखों की

आवश्यकता केवल पक्षियों को ही पड़ती है..*


*मनुष्य तो जितना विनम्रता से

झुकता है उतना ही ऊपर उठता है।।*


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*रात को फूल को भी नही मालूम की*

*उसे सुबह मंदिर पर जाना है*

*या कब्र पर जाना है,*

*इसलिये जिंदगी जितनी

जीओ मस्ती से जीओ।।*


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*जिसकी मस्ती जिंदा है*

*उसकी हस्ती जिंदा है*

        *वरना*

 *यूँ समझ लो कि*

        *वह*

*जबरदस्ती जिंदा है।*


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*अच्छे व्यक्ति को समझने के लिए अच्छा हृदय चाहिये*

*न कि अच्छा दिमाग*

*क्योंकि दिमाग हमेशा तर्क करेगा*

*और हृदय हमेशा प्रेम--भाव देखेगा ।।**


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*किस्मत की एक आदत है*

        *कि वो पलटती  जरुर है ,*

        *और जब पलटती है, तब*

        *सब पलट कर रख देती है*


  *इसलिए अच्छे  दिनों में कभी

गुरुर ना  करना और

बुरा  वक्त आए तो  

थोड़ा सब्र जरुर करना...!!*


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*मन ऐसा रखो कि*  

       *किसी को बुरा न लगे* ।

*दिल ऐसा रखो कि*

      *किसी को दुःखी न करें*।

*रिश्ता ऐसा रखो  कि*

      *उसका अंत न हो*


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*कोई भी व्यक्ति हमारा* *मित्र

या शत्रु बनकर संसार में नही आता*..

*हमारा व्यवहार और शब्द ही

लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है*..


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