*स्पिरुलिना, विश्व का सुपर फ़ूड*
45 प्रकार के आवश्यक विटामिन ।
स्पिरुलिना एक दरियाई पौधा या शैवाल है जिसका आकार स्प्रिंग जैसा है, इसीलिए इसका नाम स्पिरुलिना पडा।
कुपोषण नासक
वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग मे पाया कि कुपोषण से लडने के लिऐ स्पिरूलिना का कोई जवाब नही है।
प्राचीन मेक्सिको मे इसे मुख्य भोजन के रूप मे लिया जाता था। तामिलनाडु के नीलगिरी जिले मे इसे 2000 बच्चो पर सफलतापूर्वक आजमाया गया।
चाईल्ड फंड ईन्डिया (CFI) के निदेँशक डोला महापाञा के अनुसार बच्चो के 2 समूह बनाए गये। एक ग्रुप को स्पिरुलिना केंडी दी गई , आैर दुसरे समूह के बच्चो को दैनिक भोजन दिया गया। नियमित स्पिरुलिना का सेवन करने वाले बच्चों का कद एवं उंचाई ज्यादा देखी गई।
1974 मे संयुक्त राष्ट ने स्पिरुलिना को भविष्य का धरती का सर्वश्रेष्ट पोषण पूरक आहार घोषित किया गया।
स्पिरुलिना मे लगभग 60% प्रोटिन होता है जो ना सिर्फ बच्चो के लिए बल्कि बच्चे, जवान, बुुजुर्गों के लिए भी रामबाण है।
स्पिरुलिना में
प्रोटिन - दूध से 14× अधिक,
ऐग (अंडे) से 6× अधिक,
दालो से 3× अधिक होता है।
बीटाकिरोटिन
सबसे अधिक मात्रा मे होता है जो केन्सर को भी ठीक कर सकता है।
विटामिन-B12 सबसे अधिक है।
बीटाकेरोटीन गाजरो के मुकाबले इसमे 25× होता है।
पालक के मुकाबले 8× ज्यादा आयरन होता है।
क्लोरोफिल का सबसे बडा श्रोत है जिसमे व्हीट ग्रास के मुकाबले क्लोरोफिल 10-30 गुना अधिक होतां है।
स्पिरुलिना मे कुल फैटी एसिड (जी एल ए) 29% होता है जो वजन घटाता है एवं हृदय की रक्षा करता है।
उपयोगी
👉 डायाबिटीस
👉 मानसिक रोग
👉 पोषक तत्वो की कमी
👉 विटामिन्स की कमी
👉 खून की कमी
👉 तनाव
👉 मोटापा
👉 हदय रोग
👉 किडनी के रोग
👉 एसिडिटी
👉 अल्सर
👉 केन्सर
👉 बार बार बीमार पडना
👉 चर्मरोग
👉 विटामिन बी12 की कमी
👉 याददाश्त कम होना
👉 आंखो की समस्या
👉 मल्टीविटामिन आहार
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