15 October, 2018

"प्रार्थना में विजय है"

"प्रार्थना में विजय है"

भजन संहिता के अनुसार

" युद्ध के दिन घोड़ा तैयार तो रहता है लेकिन जय यहोवा ही से मिलती है"।

जय पाने का सबसे उत्तम मार्ग पौलुस के अनुसार  -

"प्रभु में सदा आनंदित रहो, मैं फिर कहता हूं आनंदित रहो । तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो ,किसी भी बात की चिंता मत करो ,परंतु तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती ,धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं तब परमेश्वर की शांति जो समझ से परे है, तुम्हारे हृदय में निवास करेगी" ।

(फिलिप पियो 4: 4- 6)

आनंद का विषय  -शांति और खुशी को प्राप्त कर लेने में है।

आनंद कब मिलता है?

जब हम जीवन में हर बात के लिए प्रभु का धन्यवाद करते हैं।

क्योंकि बाइबल बताती है ,हर बात में धन्यवाद दो क्योंकि तुम्हारे लिए मसीह यीशु में परमेश्वर यही इच्छा है ।

और वास्तव में आत्मा के अनुसार जीने का यही मतलब है।

प्रशंसा ,तारीफ, बढ़ाई ,स्तुति ,महिमा के गीत गाना भजन कीर्तन करना , हमें आत्मा में परिपूर्णता की ओर ले जाता है।

इससे कम में हम खुश नहीं रह सकते, आत्मिक तौर पर

आत्मा में जीवन बिताने के लिए धन्यवाद ही करें ,  प्रभु की प्रशंसा करते हुए जब हम जीवन को बिताते हैं तो हमारे अंदर से जीवन के जल का सोता  फूट निकलता है, और एक नदी बहने लगती है जिसे आनंद की नदी कहते हैं।

हम जीवन में धन्यवाद दे सकते हैं अपनी हर एक बात के लिए , चाहे वो अनुभव कठोर ही हों ,जैसे:-

जीवन की निराशा के लिए भी धन्यवाद।

अपमान और निरादर के लिए धन्यवाद।

अपनों से मिले हुए धोखे के लिए धन्यवाद।

आत्मिक जीवन की तमाम रुकावट ओं के लिए धन्यवाद।

विश्वास योग्य लोगों से मिली उदासीनता के लिए धन्यवाद।

लोगों के कटु वचनों के लिए धन्यवाद।

जब हमें किसी ने समझा नहीं उन परिस्थितियों के लिए धन्यवाद।

संसार में होने वाली गतिविधि जो हमारे खिलाफ रही है, और हमारी दुख का कारण है प्रभु का धन्यवाद करो,

क्योंकि जब हम धन्यवाद करते हैं तब हम इस बात का इकरार करते हैं कि हर बार जो कुछ भी घटित हो रहा है वह हमारी भलाई के लिए ही हो रहा है।

हमें विश्वास करना चाहिए कि प्रभु अपना कार्य कर रहे हैं

प्रभु कभी भी सोते नहीं है यहां तक कि उँघते भी नहीं है, वह लगातार हमारी चिंता करते हैं , और इसलिए वह इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि हमारी भलाई चीज में है!

हमें तो बस विश्वास के साथ परमेश्वर का धन्यवाद करते रहना चाहिए और प्रार्थना में चाहिए।

प्रभु निश्चित तौर पर सही समय आने पर अद्भुत कार्य करेंगे ।

आमीन

(1) मांगो - तो मिलेगा ।

(2) ढूढों-तो पाओगे।

(3)खटखटाओ-तो खोला जाएगा।

मत्ती7:7

बाइबल कहती है "मांगो तो तुम्हें मिलेगा ,ढूंढों तो तुम पाओगे ,और खटखटाओ  तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा।" क्योंकि जो कोई मांगता है उसे मिलता है जो ढूंढता है पाता है और जो खटखटाता है उसके लिए खोला जाता है।

मांगना है- पूरे विश्वास के साथ। ढूंढना है- वह तरीका जिससे मिलने वाला है ।और खटखटाना है -स्वर्ग का द्वार क्योंकि प्रभु ही सब कुछ देने वाला है ।

आमीन

(1)Believe -विश्वास करना है ,की जो मांग रहे हैं वह मिलेगा।

(2) सम्पूर्ण विश्वास -जो माँगा, वह मिल गया । वह   परमेश्वर की ओर से आपके लिए दे दिया गया।

(3)स्वीकार करना-जो आपने माँगा , जब वो मिल गया तो उसमें वास्तविक रूप में जीना।

मान लो आपने एक लाल कलर की कार , या घर या पैसे मांगे तो आप उस कार को विश्वास से चलाइये।उस घर को सजाइये। और उन पैसों को गिनिए ,जो आपने

मांगे है ।

आप अपनी मांगी हुई चीज से प्रेग्नेंट हो जाईये।

प्रेग्नेंट होना यानी वह चीज़ आपके अंदर ,या पास है बस अब 9 माह ( 9 दिन या 9 घंटे ) ये जो प्रोसेसिंग पीरियड है उसका  इन्जार कीजिये, धैर्य रखिये, उतावले मत होइए , एक मां का धैर्य-पल पल इन्जार भी ,विश्वास भी , जैसे एक मां करती है।

मां को कतई संदेश नहीं होता कि पेट में बच्चा नहीं एक गोला है ,ट्यूमर है । वह बच्चे को देखती है , छूती है , उसकी सुंदर हरकतों पर हँसती भी है , जबकि अभी बच्चे का जन्म नहीं हुआ। विश्वास और आशा (उम्मीद ) आपकी चाहत को हकीकत में बदलने की अद्भुत ताक़त रखते हैं।

इसलिए अपनी चाहतों को आप यकीन में बदलने के लिए बस मांगी हुई चीज से प्रेग्नेंट हो जाएं।

आप को निश्चित समय पर उस चीज़ की डिलिवरी भी होगी।

आमीन

-अनु दीक्षित जॉन


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